The memorable time : School days

लक्ष्य प्रताप सिंह बचपन में स्कूल के दिनों में क्लास के दौरान टीचर द्वारा पेन माँगते ही हम बच्चों के बीच राकेट गति से गिरते पड़ते सबसे पहले उनकी टेबल तक पहुँच कर पेन देने की अघोषित प्रतियोगिता होती थी। जब कभी मैम किसी बच्चे को क्लास में कापी वितरण में अपनी मदद करने पास बुला ले, तो मैडम की सहायता करने वाला बच्चा अकड़ के साथ "अजीमो शाह शहंशाह" बना क्लास में घूम-घूम कर कापियाँ बाँटता और बाकी के बच्चें मुँह उतारे गरीब प्रजा की तरह अपनी चेयर से न हिलने की बाध्यता लिए बैठे रहते। उस मासूम सी उम्र में उपलब्धियों के मायने कितने अलग होते थे टीचर ने क्लास में सभी बच्चो के बीच गर हमें हमारे नाम से पुकार लिया .....टीचर ने अपना रजिस्टर स्टाफ रूम में रखकर आने का बोल दिया तो समझो कैबिनेट मिनिस्टरी में चयन का गर्व होता था। आज भी याद है जब बहुत छोटे थे, तब बाज़ार या किसी समारोह में हमारी टीचर दिख जाए तो भीड़ की आड़ ले छिप जाते थे। जाने क्यों, किसी भी सार्वजनिक जगह पर टीचर को देख हम छिप जा...