पहली नौकरी

अक्सर पहली नौकरी लोग सिर्फ नौकरी करने के लिये नहीं करते...
पहली नौकरी अहसास दिलाती है कि पैसा पेड़ पर नही उगता..
पहली नौकरी बताती है कि तुम राजकुमार/ राजकुमारी  नहीं हो..
पहली नौकरी के साथ आसपास देखने का नजरिया ही बदल जाता है..
तुम कॉलेज के स्वप्न सरीखे कम्फर्ट जोन से..
दुनिया की वास्तविकता से रूबरू हो रहे होते हो. 

 कभी कभी 20 तारीख के बाद खर्चा न चल पाना..

ऑफिस में कैब न मिलने पर शेयर्ड ऑटो की भीड़ में बैठे हुए अनुभव की जाने वाली कसक..

ये सब पहली नौकरी के वक़्त अनुभव करनी पड़ती हैं.
पर तुम वारियर हो सो डीसेंट अप्रेजल मैनेज कर ले जाते हो. साल भर दिन रात एक कर देने वाली मेहनत के बाद, तुम सोचते हो कि इतना कॉलेज में मेहनत कर लेते तो कहाँ होते..
फिर हिसाब लगाने बैठ जाते हो कि इस हिसाब से एक ठीक ठाक जिंदगी बनाने में कितने साल लग जाएंगे..
तुम्हें हल्का सा डर लगने लगता है और फिर
तुम किसी लम्हे में सोचते हो कि कैसे भी जिंदगी एक बार फिर re -set हो जाए..
कैसे भी तुम वापस स्कूल पहुँच जाओ..
और फिर से जिंदगी से एक और चांस मांग के अब तक की गयीं अपनी गलतियों को न दोहराओ..
पर अगले ही पल अलार्म बजने लगता है..
और फॉर्मल कपड़े पहनते पहनते शीशा देख कर तुम अपना गंभीर चेहरा देखते हो..
एक पल को अपने चेहरे की गंभीरता देख कर सोचते हो कि ये जिम्मेदारी वाला लुक अच्छा तो लगता है..
फिर अगले ही पल आई-कार्ड गले में डाल कर निकल पड़ते हो , ये सोच के कि "जो होगा वो देखा जाएगा".
ये जो पहली नौकरी के अनुभव हैं..
यही अगली नौकरी की नींव बनेंगे..
क्यूंकि अक्सर पहली नौकरी लोग
सिर्फ नौकरी करने के लिये नहीं किया करते...
disclaimer:  coppied  but this is totally a bitter truth. that's why I'm sharing with you all. 

अनुज भदौरिया

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