Anuj bhadauria

किसी को किसी की आदतें नहीं बिगाड़नी चाहिए । लोग तयशुदा वक्त पर किसी का ख्याल रखते हैं , मैसेज करते हैं , फोन करते हैं , एक मिसकाल देते हैं , खाना खाया , नहीं खाया , क्या कर रहे हो , शाम को क्या करोगे , आज का दिन कैसा गया , वीडियो call करें क्या , सूरत तो दिखा दो , नाराज़गियाँ , तमाम रूठना मनाना , प्यार मोहब्बत , अपना ख्याल रखना , मैं हमेशा साथ हूँ , वगैरह वगैरह ...... जब किसी वक्त फिर ये नहीं मिलता या लोग किसी को ये सब ट्रीटमेंट नहीं देते तो कलेजा मुँह को आ जाता है क्योंकि आपने किसी की और किसी ने आपकी आदतें बिगाड़ी होती हैं । वो कोई भी हो सकता है , माँ - पिता , भाई बहन , यार - दोस्त , प्रेमी - प्रेमिका , पति - पत्नी कोई भी । किसी की आदतें नहीं बिगाड़नी चाहिए क्योंकि इन सबके अभाव में सब कुछ बिखरा बिखरा लगता है । रिश्तों के दरकने की ज़िम्मेदारी भी लेनी चाहिए क्योंकि उसके बाद एक इंसान हमेशा के लिए अकेला रह जाता है और जाने वाले को एक रेशा फर्क नहीं पड़ता । रिश्ते बिगड़ने पर इंसान भी अलग तरह से बिगड़ जाता है । कंफर्ट जोन में रहकर लोग एक दूसरे के साथ खेलते रहते हैं । जब मर्जी हुई प्रेम जताया जब मन न हुआ तो कोई मतलब नहीं । दो लोगों में से 

कोई एक हमेशा तड़पता रहता है । आप जब अपने स्तर पर स्पष्ट हों कि हम भावुक नहीं प्रैक्टिकल हैं तब कम से कम आप किसी भावुक को मत पकड़िए । इस दुनिया में सारे कॉम्बिनेशन हैं और बहुत वक्त नहीं लगता आपको ये समझने में कि आप कर क्या रहे हैं ! रिश्तों के आपसी तनाव ने बहुत कुछ बिगाड़ रखा है । कम से कम भावुक लोगों को लपेटे में नहीं लेना चाहिए । सबके लिए सब कुछ भूलकर आगे बढ़ना आसान नहीं है । कुछ की ज़िंदगी के मोड़ ऐसे मुड़ते हैं जहाँ डेड एंड आ जाता है । किसी की पीड़ा का कारण बनने से बेहतर है किसी का कुछ भी ना बनना । और सबसे बड़ी बात आपको हमेशा पता होता है कि आप क्या कर रहे होते..
✍️ Anuj bhadauria
google.com, pub-2343305361423592, DIRECT, f08c47fec0942fa0

Comments

Popular posts from this blog

गर्मी की छुट्टी और बचपन की यादें

HAPPY LIFE

move on